“कैबिनेट मंत्री से स्क्रीन की तुलसी बनने तक: स्मृति ईरानी ने फिर लिखा इतिहास!”

तुलसी का जादू फिर से छाएगा
“क्योंकि सास भी कभी बहू थी” के नए सीज़न की धूम मचने वाली है, जहाँ स्मृति ईरानी एक बार फिर अपने आइकॉनिक किरदार तुलसी विरानी में नज़र आएँगी। यह वापसी न सिर्फ़ दर्शकों के लिए भावनात्मक है, बल्कि भारतीय टीवी इतिहास के सबसे चर्चित किरदारों में शुमार तुलसी की नई पारी का ऐलान भी है। हाल में रिलीज़ प्रोमो में स्मृति की मौजूदगी ने फैंस में उत्साह का तूफ़ान ला दिया है।जल्द ही चर्चित टीवी सीरियल ‘क्योंकि सास भी कभी बहू थी’ का नया सीजन टेलीकास्ट होने वाला है। एक बार फिर से स्मृति ईरानी सीरियल में तुलसी विरानी का आइकॉनिक रोल निभाती नजर आएंगी। जानिए, 25 साल पहले स्मृति ईरानी कैसे बनी थीं टीवी की सबसे चर्चित बहू तुलसी? कैसे शुरू हुआ था उनका अभिनय का सफर?
ऐसे शुरू हुआ सफ़र
25 साल पहले, स्मृति ईरानी एक मध्यवर्गीय परिवार से टीवी स्क्रीन तक का सफ़र तय कीं। उन्होंने मैकडॉनल्ड्स में नौकरी की और 1998 में मिस इंडिया प्रतियोगिता के टॉप-10 में जगह बनाई। इसी दौरान उन्हें धारावाहिक “बोलियां” से एक्टिंग में पदार्पण का मौका मिला। लेकिन 2000 में एकता कपूर की “क्योंकि सास भी कभी बहू थी” ने उन्हें ओवरनाइट स्टार बना दिया। तुलसी विरानी का किरदार इतना लोकप्रिय हुआ कि लोग स्मृति को उनके पात्र के नाम से ही पहचानने लगे।

टीवी की सबसे यादगार बहू
8 साल तक चले इस शो ने स्मृति को घर-घर का चेहरा बना दिया। तुलसी विरानी की छवि भारतीय टीवी की “आदर्श बहू” बन गई, जिसने पारिवारिक मूल्यों और संघर्ष को नया अर्थ दिया। इसी दौरान स्मृति ने 2002 में “रामायण” में माता सीता की भूमिका भी निभाकर अपने अभिनय कौशल का परचम लहराया। उनकी प्रतिभा ने टीआरपी रिकॉर्ड तोड़े और उन्हें कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया।
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एक्ट्रेस से प्रोड्यूसर और नेता तक
अभिनय में ऊँचाइयाँ छूने के बाद स्मृति ने नई चुनौतियाँ स्वीकारीं। 2006 में उन्होंने प्रोड्यूसर के रूप में कदम रखा और “थोड़ी सी ज़मीन थोड़ा सा आसमान” जैसे शो को को-प्रोड्यूस किया। 2007 में “विरुद्ध” और “मेरे अपने” जैसे प्रोजेक्ट्स में उन्होंने अभिनय के साथ निर्माण की ज़िम्मेदारी भी संभाली। लेकिन 2010 के बाद उनका रुख़ राजनीति की ओर हो गया। केंद्रीय मंत्री के तौर पर उन्होंने मानव संसाधन, कपड़ा मंत्रालय और महिला एवं बाल विकास जैसे अहम विभागों की कमान संभाली।

विरासत को नया जीवन
25 साल बाद तुलसी की वापसी सिर्फ़ एक किरदार नहीं, बल्कि भारतीय टेलीविज़न की सांस्कृतिक धरोहर को पुनर्जीवित करने जैसी है। स्मृति के अनुसार, “मैं इस सीज़न के ज़रिए शो की विरासत का सम्मान करना चाहती हूँ। हमारा लक्ष्य भारतीय क्रिएटिव इंडस्ट्री को मज़बूत करना है।” दर्शक, जिन्होंने 2000 में तुलसी को प्यार दिया था, वे आज भी इस कमबैक को लेकर उत्साहित हैं।

नए सीज़न की उम्मीदें
स्मृति की वापसी ने “क्योंकि सास भी कभी बहू थी” को फिर से ट्रेंडिंग टॉपिक बना दिया है। ऐतिहासिक पृष्ठभूमि और आधुनिक कहानी के मेल से बने इस सीज़न में तुलसी विरानी के चरित्र की नई परतें देखने को मिलेंगी। यह शो न सिर्फ़ पुराने फैंस को भावुक करेगा, बल्कि नई पीढ़ी को भारतीय टीवी के स्वर्णिम दौर से जोड़ेगा।