“इटावा का अनोखा अजूबा: दुनिया में सिर्फ यहीं मिलती हैं पांच नदियाँ!”

इटावा का पंचनदा: जहाँ पाँच नदियाँ मिलकर बनाती हैं अनोखा नज़ारा

"इटावा का अनोखा अजूबा: दुनिया में सिर्फ यहीं मिलती हैं पांच नदियाँ!"
“इटावा का अनोखा अजूबा: दुनिया में सिर्फ यहीं मिलती हैं पांच नदियाँ!”

क्या आप जानते हैं कि दुनिया में एक जगह ऐसी भी है जहाँ पाँच नदियाँ आपस में मिलती हैं? ये अनोखा संगम उत्तर प्रदेश के इटावा-जालौन जिले की सीमा पर स्थित है, जिसे स्थानीय लोग पंचनदा कहते हैं। यहाँ यमुना, चंबल, कुंआरी, सिंधु और पहुज नदियाँ एक साथ मिलती हैं।

कैसा है ये इलाका?

  • दुर्गम पर सुंदर: बिठौली गाँव के पास स्थित ये जगह घने जंगलों और बीहड़ इलाकों से घिरी हुई है। यहाँ पहुँचने के लिए इटावा से 70 किमी या जालौन से 65 किमी का सफर तय करना पड़ता है।

  • मंदिर बीच संगम: इन नदियों के बीचोंबीच प्राचीन महाकालेश्वर मंदिर स्थित है। मान्यता है कि ये मंदिर करीब 2800 साल पुराना है! स्थानीय किवदंतियों के अनुसार, इस मंदिर के 40-50 किमी के दायरे में कभी ओले नहीं गिरते।

क्यों है खास?

  1. दुनिया में एकमात्र: तीन नदियों के संगम (जैसे प्रयागराज) तो कई जगह हैं, लेकिन पाँच नदियों का मिलन शायद पूरी दुनिया में सिर्फ यहीं देखने को मिलता है।

  2. यमुना को नया जीवन: दिल्ली-आगरा में प्रदूषण से जूझ रही यमुना को यहाँ चंबल आदि नदियाँ ताज़ा पानी देकर पुनर्जीवित करती हैं।

  3. डॉल्फिन अभयारण्य: यहीं पर यमुना में राष्ट्रीय डॉल्फिन अभयारण्य भी है, जो इस इलाके के पारिस्थितिक महत्व को दिखाता है।

लोगों की आस्था

  • कार्तिक पूर्णिमा का मेला: हर साल इस दिन यहाँ विशाल मेला लगता है। यूपी, एमपी और राजस्थान से हज़ारों श्रद्धालु पवित्र स्नान के लिए आते हैं।

  • तुलसीदास का संबंध: कहा जाता है कि संत तुलसीदास यहाँ आए थे और उनके समकालीन बाबा साहब का मंदिर भी संगम के किनारे है।

भविष्य की योजनाएँ

सरकार यहाँ 22 हजार करोड़ रुपये की लागत से एक बैराज (बाँध) बनाने की योजना बना रही है। इससे जालौन, इटावा, औरैया व कानपुर देहात के किसानों को सिंचाई सुविधा मिलेगी। साथ ही छोटी नहरों और पर्यटन को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।

एक सावधानी

इलाका अभी भी दुर्गम है और कभी यहाँ डाकुओं का भी डर रहा है। अगर जाना हो तो स्थानीय गाइड या समूह में जाना बेहतर रहेगा।

"इटावा का अनोखा अजूबा: दुनिया में सिर्फ यहीं मिलती हैं पांच नदियाँ!"

क्यों जाएँ?

अगर आप:

  • प्रकृति प्रेमी हैं

  • धार्मिक स्थलों में रुचि रखते हैं

  • भारत के अनछुए कोनों को एक्सप्लोर करना चाहते हैं

तो पंचनदा की यात्रा आपके लिए एक अनूठा अनुभव हो सकता है। यहाँ का शांत वातावरण और नदियों का मिलन मन को सुकून देता है।

(यात्रा टिप: मानसून के बाद का समय (अक्टूबर-मार्च) यहाँ जाने के लिए सबसे अच्छा रहता है।)

Also read :- बारिश में राजस्थान की धमक! उदयपुर-माउंट आबू ने आउटलुक ट्रैवलर की टॉप 12 लिस्ट में बनाया इतिहास

“Ferrato Disruptor: क्या यह युवाओं की सपनों वाली इलेक्ट्रिक स्पोर्ट्स बाइक है?”

सैयारा सॉन्ग बना ग्लोबल नंबर वन, जस्टिन बीबर को छोड़ा पीछे – फिल्म की बढ़ती सफलता

RJ Mahvash Net Worth: जानिए उनकी आय, करियर और सोशल मीडिया सफर की पूरी डिटेल

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top