“मेड इन इंडिया का जलवा: अमेरिका को स्मार्टफोन निर्यात में भारत ने चीन को पीछे छोड़ा!”

मोबाइल फोन निर्यात में भारत ने चीन को पीछे छोड़ा, अमेरिका को सप्लाई में बना नंबर वन!

भारत के ‘मेड इन इंडिया’ स्मार्टफोन ने दुनिया में एक बड़ी कामयाबी हासिल की है। रिसर्च फर्म कैनालिस की रिपोर्ट के मुताबिक, अप्रैल-जून 2025 की तिमाही में भारत ने अमेरिका को स्मार्टफोन निर्यात में चीन को पीछे छोड़ दिया है। यह सफलता भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग में एक दशक से चल रहे बदलाव का नतीजा है।

"मेड इन इंडिया का जलवा: अमेरिका को स्मार्टफोन निर्यात में भारत ने चीन को पीछे छोड़ा!"
“मेड इन इंडिया का जलवा: अमेरिका को स्मार्टफोन निर्यात में भारत ने चीन को पीछे छोड़ा!”

 

क्या कहती है रिपोर्ट?
रिपोर्ट के अनुसार, इस तिमाही में अमेरिका को हुए स्मार्टफोन निर्यात में ‘मेड इन इंडिया’ फोन की हिस्सेदारी 44% हो गई, जो पिछले साल की इसी अवधि में सिर्फ 13% थी। वहीं, चीन की हिस्सेदारी 61% से घटकर महज 25% रह गई। यह आंकड़े भारत की बढ़ती ग्लोबल पहुंच को दिखाते हैं।

कैसे मिली यह सफलता?
इस बड़े बदलाव के पीछे सरकार की ‘मेक इन इंडिया’ और पीएलआई (प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव) जैसी योजनाएं हैं। इन योजनाओं ने देश में इलेक्ट्रॉनिक्स manufacturing को बढ़ावा दिया है। पिछले 10 सालों में भारत का इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात 38,000 करोड़ रुपये से बढ़कर 3.27 लाख करोड़ रुपये हो गया है। वहीं, मोबाइल फोन का उत्पादन 18,000 करोड़ रुपये से बढ़कर 5.45 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है।

एपल जैसी कंपनियों का योगदान
एपल जैसी बड़ी कंपनियों ने भी भारत में manufacturing बढ़ाकर इस सफलता में अहम भूमिका निभाई है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, एपल अपने आने वाले ‘आईफोन 17’ के सभी मॉडल्स का production भारत में ही कर रही है। अमेरिका में बिकने वाले 78% आईफोन अब भारत में बन रहे हैं। इससे न सिर्फ भारत का निर्यात बढ़ा है, बल्कि हज़ारों लोगों को रोज़गार भी मिला है।

अमेरिका में बिकने वाले हर 4 में से 3 आईफोन पर अब ‘मेड इन इंडिया’ की मोहर लग रही है। हैरान कर देने वाली बात यह है कि अमेरिकी बाजार में बिकने वाले 78% आईफोन भारत में निर्मित हो रहे हैं। मार्केट रिसर्च फर्म कैनालिस के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, साल 2025 की पहली छमाही (जनवरी-जून) में भारत ने 2.39 करोड़ आईफोन का उत्पादन किया, जो पिछले साल के मुकाबले 53% की हैरतअंगेज बढ़ोतरी है।

निर्यात के मोर्चे पर भी भारत की सफलता कम शानदार नहीं रही। साइबरमीडिया रिसर्च की रिपोर्ट बताती है कि इसी अवधि में भारत से 2.28 करोड़ आईफोन विदेशों में भेजे गए, जबकि एक साल पहले यह संख्या 1.50 करोड़ थी। यानी निर्यात में 52% की अभूतपूर्व वृद्धि दर्ज की गई।

आर्थिक नजरिये से देखें तो यह सफलता और भी शानदार दिखती है। 2025 की पहली छमाही में आईफोन निर्यात से हुई कमाई लगभग 1.94 लाख करोड़ रुपये रही, जो पिछले साल के 1.26 लाख करोड़ के आंकड़े को पीछे छोड़ते हुए एक नया कीर्तिमान स्थापित करती है।

Apple India production
Apple India production

आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ता भारत
2014-15 में, भारत में बिकने वाले 75% मोबाइल फोन import किए जाते थे। आज यह आंकड़ा घटकर सिर्फ 0.02% रह गया है। यानी, अब भारत में बिकने वाले 99.98% फोन देश में ही बन रहे हैं। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव के अनुसार, पिछले 11 सालों में इलेक्ट्रॉनिक्स production 6 गुना और निर्यात 8 गुना बढ़ा है।

अमेरिका को स्मार्टफोन सप्लाई में पहला स्थान हासिल कर भारत ने ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग में अपना दबदबा साबित कर दिया है। चीन और वियतनाम जैसे दिग्गजों के बीच भारत अब इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादन की दुनिया का एक अहम केंद्र बनकर उभरा है। दुनिया की बड़ी कंपनियां अब अपनी सप्लाई चेन को डायवर्सिफाई करने के लिए भारत में अपना प्रोडक्शन बढ़ा रही हैं।

इसी कड़ी में एपल ने एक ऐतिहासिक फैसला लिया है। कंपनी अपने आगामी फ्लैगशिप मॉडल ‘आईफोन 17’ के सभी वेरिएंट्स—प्रीमियम और प्रो संस्करणों सहित—भारत में ही तैयार करेगी। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, यह पहली बार होगा जब आईफोन के किसी नए मॉडल का संपूर्ण उत्पादन शुरुआत से ही भारत में होगा।

यह कदम एपल की चीन पर निर्भरता कम करने और टैरिफ संबंधी चुनौतियों से बचने की रणनीति का हिस्सा है। कंपनी पहले ही अमेरिका बाजार के लिए आईफोन के उत्पादन का एक बड़ा हिस्सा चीन से भारत स्थानांतरित कर चुकी है। भारत में आईफोन का उत्पादन पांच कंपनियों द्वारा किया जा रहा है, जिसमें टाटा ग्रुप अकेले ही लगभग 50% हिस्सेदारी के साथ अगुआई कर रहा है।

भविष्य की संभावनाएं
भारत अब दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी मोबाइल manufacturing hub बन चुका है। global tech supply chain में भारत की भूमिका लगातार मजबूत हो रही है। आने वाले समय में और भी कंपनियां भारत में investment कर सकती हैं, जिससे देश की economy को भी फायदा होगा।

निष्कर्ष
यह सफलता सिर्फ आंकड़ों की नहीं, बल्कि भारत के हुनर और मेहनत की कहानी है। ‘मेड इन इंडिया’ आज global market में अपनी पहचान बना रहा है। अगर यही रफ्तार रही, तो भारत जल्द ही दुनिया का सबसे बड़ा manufacturing hub बन सकता है।

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