भारतीय गौरव और अंतरिक्ष की नई उड़ान

भारत के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने हाल ही में 28 घंटे की यात्रा के बाद अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर कदम रखकर देश को गौरवान्वित किया। वे विश्व के 634वें अंतरिक्ष यात्री बने, लेकिन क्या आप जानते हैं कि कुछ अंतरिक्ष यात्री ऐसे भी हैं जिन्होंने कुल मिलाकर 1000 दिनों से अधिक समय अंतरिक्ष में बिताया है? ये रिकॉर्ड ISS पर लंबी अवधि के मिशनों के दौरान बने, जहाँ वैज्ञानिक शोध, गुरुत्वाकर्षण के प्रभावों का अध्ययन और तकनीकी प्रयोग किए जाते हैं।

शीर्ष 7 रिकॉर्डधारी अंतरिक्ष यात्री
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ओलेग कोनोनेंको (रूस) – 1110 दिन
कोनोनेंको ने 5 मिशनों में हिस्सा लेकर यह रिकॉर्ड बनाया। 2024 तक, वे इतिहास में सबसे लंबे समय तक अंतरिक्ष में रहने वाले व्यक्ति हैं। उनका पहला मिशन 2008 में था, और वे ISS के कमांडर भी रह चुके हैं। -
गेनाडी पडाल्का (रूस) – 878 दिन
पडाल्का ने 1998 से 2015 तक 5 मिशन पूरे किए। उन्होंने अंतरिक्ष में कुल 2.4 वर्ष बिताए और स्पेसवॉक का विश्व रिकॉर्ड (878 घंटे) भी अपने नाम किया। -
सर्गेई क्रियालेव (रूस) – 803 दिन
क्रियालेव 6 बार अंतरिक्ष में गए और मिर स्पेस स्टेशन के अंतिम दिनों के गवाह बने। दिलचस्प बात यह है कि 1991 में जब सोवियत संघ टूटा, तब वे अंतरिक्ष में थे और पृथ्वी पर लौटने तक “अंतिम सोवियत नागरिक” कहलाए। -
एलेक्जेंडर कालेरी (रूस) – 769 दिन
कालेरी ने 5 मिशनों में भाग लिया और मिर व ISS दोनों पर काम किया। उन्होंने स्पेस बायोलॉजी पर 200+ प्रयोग किए, जो मंगल मिशन के लिए महत्वपूर्ण हैं। -
पैगी एनेट व्हिटसन (अमेरिका) – 675 दिन
अमेरिका की इस वैज्ञानिक ने महिला अंतरिक्ष यात्रियों में सबसे लंबा समय बिताया। वे ISS की पहली महिला कमांडर भी बनीं और अंतरिक्ष में 10 स्पेसवॉक करने वाली एकमात्र महिला हैं। -
फ्योडोर युर्चिखिन (रूस) – 672 दिन
युर्चिखिन ने 5 मिशन पूरे किए और सोयुज अंतरिक्ष यान को डॉक कराने में विशेषज्ञ माने जाते हैं। उन्होंने अंतरिक्ष से पारंपरिक रूसी गीत सुनाकर हैरान किया था! -
यूरी मैलेनचेंको (रूस) – 641 दिन
मैलेनचेंको ने 2003 में अंतरिक्ष में रहते हुए दुनिया की पहली स्पेस वेडिंग की। उनकी पत्नी टेक्सास में थीं, जबकि वे ISS से वीडियो कॉल पर शादी रचा रहे थे!
लंबे मिशन: चुनौतियाँ और महत्व
अंतरिक्ष में लंबे समय तक रहने से हड्डियों का घनत्व 1% प्रति माह कम होता है और मांसपेशियाँ कमज़ोर होती हैं। ISS पर यात्री रोज़ 2 घंटे व्यायाम करके इन प्रभावों से लड़ते हैं। ये मिशन भविष्य के चंद्र और मंगल अभियानों के लिए महत्वपूर्ण हैं, जहाँ 2-3 वर्षों तक अंतरिक्ष में रहना पड़ सकता है।

भारत का योगदान और भविष्य
शुभांशु शुक्ला जैसे भारतीय अंतरिक्ष यात्री इस रेस में नए खिलाड़ी हैं। ISRO की योजना 2030 तक अपना स्पेस स्टेशन बनाने की है, जहाँ भारतीय वैज्ञानिक लंबी अवधि के प्रयोग कर सकेंगे। शायद अगले दशक में कोई भारतीय भी इस सूची में शामिल हो!
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