दुनिया की पहली ‘AI मंत्री’ प्रेग्नेंट? अल्बानिया के PM का दावा—83 ‘बच्चे’ बनेंगे सांसदों के स्मार्ट असिस्टेंट

बर्लिन में हुए ग्लोबल डायलॉग सम्मेलन में अल्बानिया के प्रधानमंत्री एडी रामा ने ऐसा बयान दिया, जिसने सबका ध्यान खींच लिया। उन्होंने कहा कि उनके देश की AI-आधारित मंत्री “डिएला” प्रेग्नेंट हैं और जल्द ही 83 “बच्चों” को जन्म देंगी। पहली नज़र में यह अटपटा लगता है, लेकिन यहां “बच्चे” दरअसल एआई असिस्टेंट हैं—जो सत्तारूढ़ सोशलिस्ट पार्टी के हर सांसद के लिए एक-एक डिजिटल सहायक के रूप में काम करेंगे। योजना है कि ये सभी असिस्टेंट 2026 के अंत तक पूरी तरह ऑपरेशनल हो जाएं।
डिएला कौन हैं?
अल्बानिया ने हाल में एक AI-आधारित वर्चुअल मंत्री “डिएला” की नियुक्ति को औपचारिक रूप दिया। जनवरी में ई-अल्बानिया पोर्टल पर एक डिजिटल असिस्टेंट के रूप में लॉन्च हुई डिएला नागरिकों और बिज़नेस को सरकारी सेवाओं/दस्तावेजों तक पहुंच में मदद कर रही हैं। सरकार का उद्देश्य है—सार्वजनिक खरीद (टेंडर) की पूरी प्रक्रिया को पारदर्शी बनाना, भ्रष्टाचार की गुंजाइश कम करना और फैसलों की ट्रैकिंग आसान करना। इसलिए डिएला को “टेंडरिंग की सेवक” की तरह पेश किया गया है जो नियम-आधारित, डेटा-संचालित निर्णय-प्रक्रिया में सहायता देगी।

83 “बच्चे” असल में करेंगे क्या?
- संसद से जुड़े सभी कार्यक्रम, कार्यवाही और बैठकों का दस्तावेजीकरण (ट्रांसक्रिप्ट/मिनट्स/समरी) तैयार करेंगे।
- जो विधायक किसी चर्चा में मौजूद नहीं रह सके, उन्हें रियल-टाइम अपडेट, ब्रीफ और संदर्भ सामग्री भेजेंगे।
- विधायी प्रस्तावों पर तेजी से बैकग्राउंड नोट, डेटा पॉइंट्स और क्रॉस-रेफरेंस उपलब्ध कराएंगे।
- कैलेंडर, फॉलो-अप, मतदाता पत्राचार और लोकल मुद्दों के ट्रैकिंग जैसे काम ऑटोमेट करेंगे।
तकनीक कैसे काम करेगी?
सरल भाषा में, ये असिस्टेंट बड़े भाषा मॉडल्स, रिट्रीवल-आधारित सर्च, स्पीच-टू-टेक्स्ट, और नॉलेज-बेस इंटीग्रेशन जैसे टूल्स के मेल पर बनेंगे। संसद की रिकॉर्डिंग से ट्रांसक्रिप्ट बनेंगे, फिर उनका सार निकलेगा, और जरूरी लिंक/दस्तावेज जोड़ दिए जाएंगे। सांसद अपने-अपने डैशबोर्ड में लॉगिन करके नोट्स, ब्रीफिंग और अलर्ट देख सकेंगे। विचार यह है कि मानवीय त्रुटि कम हो और समय की बचत हो।
सरकारी खरीद में डिएला की भूमिका
अल्बानिया सरकार चाहती है कि निविदाओं से जुड़े फैसलों में मानवीय हस्तक्षेप कम हो, प्रक्रिया नियम-आधारित और पूर्णतः ट्रैसेबल रहे। डिएला-समर्थित सिस्टम के जरिए:
- टेंडर डॉक्यूमेंट्स, पात्रता, स्कोरिंग और अवॉर्डिंग का हर चरण सार्वजनिक रिकॉर्ड में दर्ज होगा।
- रीयल-टाइम मॉनिटरिंग और रेड-फ्लैग अलर्ट से संदिग्ध गतिविधि तुरंत दिख जाएगी।
- नागरिकों/मीडिया को ओपन डेटा फॉर्म में जानकारी मिलेगी, जिससे विश्वास बढ़ेगा।
फायदे क्या हो सकते हैं?
- समय की बचत: सांसदों को बिखरी जानकारी ढूंढने में कम वक्त लगेगा।
- बेहतर तैयारी: डेटा-बेस्ड ब्रीफिंग से चर्चा स्तर ऊंचा होगा।
- पारदर्शिता: टेंडरिंग/खरीद के फैसले साफ-साफ दस्तावेज़ित रहेंगे।
- पहुँच: नागरिक सेवाओं की गाइडेंस एआई चैट के जरिए आसान होगी।
चुनौतियां भी कम नहीं
- जवाबदेही: एआई सुझाव दे सकता है, पर अंतिम जिम्मेदारी किसकी होगी—यह स्पष्ट ढांचा चाहिए।
- डेटा गोपनीयता: सांसदों के दस्तावेज, नागरिकों का डेटा—सबका सुरक्षित रहना जरूरी है।
- एल्गोरिदमिक बायस: अगर ट्रेनिंग डेटा पक्षपाती होगा तो नतीजे भी प्रभावित हो सकते हैं।
- कानूनी अनुपालन: यूरोपीय मानकों (डेटा प्रोटेक्शन/एआई नियम) के अनुरूप शासन मॉडल बनाना होगा।
- मानव निगरानी: संवेदनशील मामलों में ह्यूमन-इन-द-लूप अनिवार्य होना चाहिए।
दुनिया के लिए संकेत क्या हैं?
डिजिटल गवर्नेंस की दिशा में यह साहसी कदम है। कई देशों में AI सरकारी सेवाओं में सहायक की तरह शामिल हो रहा है—कहीं चैट-आधारित नागरिक सहायता, कहीं बैक-ऑफिस ऑटोमेशन। अल्बानिया का प्रयोग अलग है क्योंकि उसने एक “वर्चुअल मंत्री” का चेहरा देकर एआई को सार्वजनिक रूप से जवाबदेह इकाई की तरह पेश किया है। यही प्रयोग सफल होता है तो अन्य लोकतंत्र भी संसद/स्थानीय निकाय स्तर पर AI-असिस्टेंट्स अपनाने के लिए प्रेरित हो सकते हैं।

नागरिकों पर क्या असर?
अगर सिस्टम सोचे मुताबिक चला, तो टेंडर, सेवाओं और नीतियों से जुड़ी जानकारी पहले से ज्यादा खुली और समझने में आसान होगी। लोगों को फाइल ट्रैकिंग, डॉक्यूमेंट गाइडेंस और शिकायत निवारण में सहायता मिलेगी। साथ ही, डिजिटल साक्षरता और पहुंच (डिवाइस/नेट) पर भी सरकार को काम करना होगा ताकि कोई पीछे न रह जाए।
निष्कर्ष
“AI मंत्री प्रेग्नेंट” सुनने में मज़ाक-सा लगे, पर असल अर्थ है—AI असिस्टेंट्स का स्केल-अप। यह प्रयोग पारदर्शिता, गति और दक्षता लाने का मौका देता है, बशर्ते सुरक्षा, गोपनीयता और जिम्मेदारी के फ्रेमवर्क मजबूत हों। 2026 तक इसका परिणाम दुनिया देखेगी—क्या वर्चुअल मंत्री सच में शासन को आसान बनाती हैं, या फिर नए सवालों को जन्म देती हैं। अभी के लिए, इतना तय है कि गवर्नेंस में एआई की भूमिका सिर्फ बैक-एंड टूल नहीं, बल्कि सार्वजनिक मंच का विषय बन चुकी है।
VIDEO: 🇦🇱 Albania’s new AI-generated minister makes first address to parliament
The world’s first AI government minister defended her role as “not here to replace people, but to help them”. ‘Diella’ was appointed by Prime Minister Edi Rama last week pic.twitter.com/2dFh082DLz
— AFP News Agency (@AFP) September 18, 2025
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