सोना ₹1.20 लाख के पार, चांदी भी चढ़ी रफ़्तार: निवेश में ये 5 गलतियां न करें वरना होगा नुकसान
सोने की नई ऊंचाई
1 अक्टूबर 2025 का दिन सोने और चांदी के निवेशकों के लिए खास रहा। दिल्ली बाजार में 24 कैरेट सोने की कीमत 10 ग्राम पर ₹1,20,625 तक पहुंच गई, यानी पहली बार ₹1.20 लाख का स्तर पार हो गया। बीते 12 महीनों में सोना 52% से ज्यादा महंगा हुआ है। इसी दौरान चांदी भी मजबूती से ऊपर बढ़ी है और औद्योगिक डिमांड के चलते निवेशकों का रुझान बढ़ा है।
यह बढ़त निवेशकों को आकर्षित कर रही है, लेकिन हर तेजी के साथ जोखिम भी जुड़े होते हैं। कई बार लोग गलतियों के चलते फायदा कम और नुकसान ज्यादा उठा लेते हैं। आइए समझते हैं वो 5 आम गलतियां जिन्हें गोल्ड और सिल्वर निवेश में हर हाल में टालना चाहिए।
1. अधिक प्रीमियम पर खरीदारी
अक्सर निवेशक डीलरों के मार्कअप या अतिरिक्त चार्ज के चक्कर में सोने को ज्यादा दाम पर खरीद लेते हैं। याद रखें, जितना ज्यादा प्रीमियम देंगे, उतना ही रिटर्न घटेगा। निवेश के लिए हमेशा स्टैंडर्ड गोल्ड कॉइन या बार ही खरीदें और भाव का सही मिलान जरूर करें।
2. लिक्विडिटी को नजरअंदाज करना
बड़े सोने-चांदी के बार या ज्वैलरी बेचना आसान नहीं होता। इन्हें बेचते समय सही दाम मिलना मुश्किल होता है। इसके मुकाबले गोल्ड/सिल्वर ETF, छोटे कॉइन या छोटे बार जल्दी बिक जाते हैं और ज्यादा पारदर्शी होते हैं। निवेश करते समय हमेशा देखें कि खरीदी गई चीज को जरूरत पड़ने पर कितनी आसानी से बेचा जा सकता है।
3. शुद्धता और प्रमाणिकता की जांच न करना
सोना या चांदी खरीदते समय हॉलमार्क और बिल जरूर देखें। बिना प्रमाणिकता के सोना आगे चलकर सिरदर्द बन सकता है। असली निवेश वही है जिसकी purity और origin साफ हो।
4. स्टोरेज और सुरक्षा को हल्के में लेना
फिजिकल गोल्ड और सिल्वर रखने पर स्टोरेज और सिक्योरिटी का खर्चा आता है। लॉकर फीस, इंश्योरेंस और चोरी का रिस्क आपके असली रिटर्न को कम कर देता है। इसलिए अगर आप बड़े स्तर पर निवेश कर रहे हैं तो पहले से सुरक्षित स्टोरेज प्लान जरूर बनाएं।
5. बिना रणनीति के निवेश करना
भीड़ देखकर निवेश करना खतरनाक हो सकता है। गोल्ड-सिल्वर खरीदने से पहले अपनी लॉन्ग-टर्म इन्वेस्टमेंट स्ट्रैटेजी तय करें और जरूरत हो तो एक्सपर्ट से सलाह लें। हर ट्रेंड का आंख मूंदकर पीछा करना समझदारी नहीं है।
एक्सपर्ट्स की राय
टाटा एसेट मैनेजमेंट की हेड-प्रोडक्ट्स, शैली गांग का कहना है कि — “सोने को निवेश पोर्टफोलियो में 15% तक रखना चाहिए। यह महंगाई, भू-राजनीतिक तनाव और करेंसी गिरावट से बचाव का सबसे मजबूत तरीका है। चांदी को भी औद्योगिक मांग और सप्लाई की कमी को देखते हुए 10% तक शामिल करना समझदारी होगी।”
एक्सपर्ट्स गोल्ड-टू-सिल्वर रेशियो को भी अहम मानते हैं। जब यह 100 के ऊपर जाता है तो चांदी सोने के मुकाबले सस्ती मानी जाती है, वहीं 75 से नीचे आने पर सोना बेहतर एंट्री देता है।
निवेशकों के लिए सुझाव
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सोने-चांदी की हर खरीद हॉलमार्क और बिल सहित करें।
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ईटीएफ, सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड या छोटे कॉइन जैसे लिक्विड विकल्प चुनें।
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फिजिकल गोल्ड के लिए स्टोरेज और सिक्योरिटी पहले से प्लान करें।
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डिजिटल या पेपर गोल्ड भी अच्छे विकल्प हो सकते हैं।
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सबसे जरूरी – धैर्य रखें और जल्दबाजी से बचें।
निष्कर्ष
सोना और चांदी दोनों ऐतिहासिक ऊंचाई पर हैं। यह सही वक्त है जब निवेशक अपने कदम सोच-समझकर बढ़ाएं। यदि आप ऊपर बताई गई गलतियों से बचेंगे तो न सिर्फ नुकसान से दूर रहेंगे, बल्कि लंबे समय में बेहतर रिटर्न भी पाएंगे।
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